#स्वदेशीचिठ्ठी
कल मुझे मिले भगवान के कुछ सहायक…
मैं कल भाग्यनगर(हैदराबाद) में था। कार्यकर्ताओं ने वहां पर एक अस्पताल को देखने का कार्यक्रम रखा था। वहां जिनके चेहरे किसी कारण से खराब हो गए हैं,यानी मुंह, नाक, आंख दांत जन्म से ही या बाद में विकृत हो गए हैं,उनकी पूरी तरह निशुल्क चिकित्सा होती है।
मैंने उनके जो प्रमुख डॉक्टर थे श्रीनिवास गोसला रेड्डी उनसे बात की “कैसे शुरू हुआ यह सारा काम?”
उन्होंने कहा “मैं डेंटल डॉक्टर था जर्मन के ज्यूरिख में गया था। वहां इस विषय के विश्व में प्रसिद्ध डॉक्टर हरमन सेंजोर है। उन्होंने मुझे कहा कि आप जाकर भारत में यह सर्जरी मुफ्त कार्य शुरू करो और इस सारे का खर्च मैं उठाऊंगा।”
1998 से लेकर आज तक 26 साल से इस अस्पताल का 60 से 70% तक खर्च उठाते हैं।सब प्रकार की लेटेस्ट तकनीक का उपयोग यहां होता है।”
उन्होंने मुझे एक ऐसी लड़की से मिलवाया जो जन्म के समय बहुत ही विकृत मुंह के साथ पैदा हुई थी।किंतु न केवल उसको ठीक कर दिया बल्कि वह आज योग्य होकर वहीं का छात्रावास चला रही है।यह सारा काम पूरी तरह निशुल्क किया जाता है।
आज तक 40,000 ऐसे लोगों के विकृत चेहरों को ठीक करके वह ऐसा काम कर रहे हैं कि मानो जो भगवान के काम में अधूरापन छूट गया या(उनके पुराने कर्म के कारण) किंतु यह चिकित्सक समूह इसको ठीक करने में लगे हैं। डॉक्टर अपूर्वा दिल्ली की है उन्हीं के सहयोगी हैं।इन दोनों से बातचीत की।
ऐसे ही 101 बच्चों का छात्रावास भी चलाते हैं जिन्हें मैंने देखा तो आश्चर्य हुआ कि अपंग और विकृत चेहरे वाले बच्चे आज सामान्य से अधिक अच्छा जीवन जीने लगे हैं। उनके सेवा भाव को मैंने प्रणाम किया।