देश के 37 करोड़ युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षित करने विभिन्न विधाओं को समाहित किया गया है, जिससे देश का युवा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित हो सके, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सके। ये बातें स्वदेशी जागरण मंच और स्वावलंबी भारत अभियान के दो दिवसीय प्रांतीय कार्यशाला और विचार वर्ग में अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने उद्यमिता पर जोर देते हुए कही। कार्यशाला तिफरा स्थित झूलेलाल मंगलम भवन में हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र को शक्तिशाली बनने के लिए स्वदेशी उत्पादों के प्रति लगाव होना जरूरी है। आज के वैश्विक युग में युद्ध सैन्य मैदानों के साथ ही आर्थिक मोर्चे पर भी लड़े जा रहे हैं। अतः आवश्यक है कि देश के युवा रोजगारऔर उद्यमिता के लिहाज से भलीभांति प्रशिक्षित हो, जिससे विश्व पटल पर हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुकाबला कर सकें। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि मई 1998 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेई द्वार किया गया परमाणु विस्फोट देश को स्वावलंबी भारत बनाने का विस्फोट था। आज अनुसूचित जाति, जनजाति और थर्ड जेंडर को लेकर औद्योगिक नीति बनाई जा रही है, जिससे स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की श्रृंखला में कोई भी कड़ी छूटने ना पाए। इस मौके पर महापौर पूजा विधानी, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा अभिकरण के अध्यक्ष भूपेंद्र सक्त्री, डॉ. ललित माखिजा, वासुदेव पटेल, डॉ सुशील श्रीवास्तव, प्रवीण झा, अरुणा दीक्षित आदि मौजूद थे।
स्वावलंबी भारत शताब्दी वर्ष मनाने की योजनाः क्षेत्रीय संयोजक सुधीर दाते ने बताया कि आने वाले समय में स्वावलंबी भारत शताब्दी वर्ष मनाने की योजना है, जिसमें स्वदेशी उत्पादों के प्रति गांव-गांव में जागरूकता पैदा करना, स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रेरित करना है। इसके अलावा स्वदेशी जागरण मंच और स्वावलंबी भारत अभियान के संगठनों का विस्तार करने की भी योजना है। इस अवसर पर केशव डूबेलिया क्षेत्रीय शंकर त्रिपाठी, प्रांत पूर्ण कालीक अमर परवानी और वासुदेव पटेल ने भी संबोधित किया।
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