श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय संगोष्ठी के ‘ज्ञान कुंज’ उद्घाटन सत्र में “दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और 21वीं सदी का स्वदेशी विचार” विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस विशेष सत्र में देशभर से आए प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने बहुमूल्य दृष्टिकोण साझा किए। इस अवसर पर उपस्थित थे—श्री एस. एन. सुब्रह्मण्यम (MD & CEO, L&T), प्रो. सोमनाथ सचदेवा, प्रो. प्रदीप चौहान, श्री सतीश जी, श्री कश्मीरिलाल जी, सुंदरम जी, भगवती जी, बी.आर. कंबोज जी और प्रो. अश्विनी महाजन। सभी वक्ताओं ने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन और उनके स्वदेशी दृष्टिकोण की आधुनिक प्रासंगिकता पर जोर दिया।
सत्र में मुख्य रूप से आत्मनिर्भरता, नवाचार, स्वदेशी मॉडल और राष्ट्र-निर्माण के मूल तत्वों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि ठेंगड़ी जी की स्वदेशी भावना केवल आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को एक आत्मविश्वासी, धर्म-आधारित और सशक्त राष्ट्र बनाने में मार्गदर्शन करती है। इस सत्र में यह भी रेखांकित किया गया कि शिक्षा, उद्यमिता और नैतिक मूल्यों का समन्वय आधुनिक भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करेगा।
सत्र का उद्देश्य केवल विचार विमर्श तक सीमित नहीं था, बल्कि यह देश के युवाओं, उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को यह संदेश देने का भी प्रयास था कि ठेंगड़ी जी की सोच और उनके स्वदेशी सिद्धांत भारत को वैश्विक स्तर पर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
इस प्रकार, ज्ञान कुंज उद्घाटन सत्र ने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की दूरदृष्टि और उनके स्वदेशी दृष्टिकोण की आधुनिक प्रासंगिकता को एक नई ऊंचाई दी और भारत को 2047 तक विकसित, आत्मनिर्भर और धर्म-आधारित राष्ट्र बनाने की दिशा में स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की।
Dharmakshetra, Shiv Shakti Mandir, Babu Genu Marg,
Sector 8, Rama Krishna Puram,
New Delhi, Delhi 110022
+91 80031 98250
info@mysba.co.in
© MYSBA News. All Rights Reserved.
Design by