कौशल विकास से ही समृद्ध भारत की राह आसान - डॉ अंकेश्वर प्रकाश
कुरुक्षेत्र: स्वावलंबी भारत अभियान कुरुक्षेत्र, भारतरत्न गुलजारी नालंदा नीतिशास्त्र - दर्शन केंद्र एवं युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के अंतर्गत 9 अक्टूबर 2025 से13 अक्टूबर 2025 तक चल रही
*"लोक कला कार्यशाला"* के समापन समारोह में जिसके अंतर्गत रंगोली, बंदरवाल, चारपाई, पेड़ सजावट प्रतिभागियों सिखाईं गई।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि कुलगुरु प्रो सोमनाथ सचदेवा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कहा आप सभी प्रतिभागी पांच दिन से यह प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें आप सभी ने जो यह कौशल सीखा है इसका प्रयोग करके अपने जीवन में शिक्षा के साथ-साथ कुछ धनोपाजर्न भी कर सकें और एक भीड़ का हिस्सा न रहकर अपने जीवन में कोई नया व्यवसाय उद्यम प्रारंभ कर सकते हैं इस दिशा में सोचना इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बताया कि हमें अपने दैनिक जीवन में भी स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए जिससे दो लाभ होंगे पहले स्थानीय उत्पाद खरीदने से हमारा स्थानीय व्यापारी मजबूत होगा और आने वाले भविष्य के स्थानीय उद्यमी हम ही हैं स्वयं को मजबूत करने के लिए स्वदेशी का उपयोग करें दूसरा बड़ा लाभ स्थानीय स्वदेशी उपयोग करने से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में हम अपना एक अहम योगदान निभा पायेंगे सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं मैं आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं आप अपने जीवन में निरंतर इस प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त करते रहे और जाब की मानसिकता से ऊपर उठकर उद्यम की राह को अपनाकर अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ सुचिसस्मिता, निदेशक गुलजारीलाल नंदा स्मारक, डॉ कुलदीप सिंह आर्य जी, गुलजारीलाल नंदा स्मारक, डॉ गुरचरण सिंह जी (विभागाध्यक्ष, ललित कला विभाग)
प्रदीप जी (गुलज़ारी लाल नंदा स्मारक), ताराचंद (विभाग पूर्णकालिक, स्वावलंबी भारत अभियान) डॉ अजय जांगड़ा (जिला संयोजक स्वदेशी जागरण मंच), श्री हरिकेश पापोसा जी (जिला प्रचार प्रमुख) श्री गगनदीप जी (विश्वविद्यालय सह-संयोजक), श्री अजमेर जी (नगर संघर्ष वाहिनी प्रमुख) उपस्थित रहे।
*इस कार्यशाला में ललित कला विभाग,हाम साइंस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों सहित 5 अन्य छात्रा प्रतिभागियों ने भाग लिया।*