दिनांक: 19 सितंबर, 2025 (शुक्रवार) स्थान: गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (GTU) आमतौर पर गरबा मंच उत्साह और संस्कृति का केंद्र होता है, लेकिन गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (GTU) में यह मंच आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता के संदेश का वाहक भी बना। 19 सितंबर, 2025 को गरबा प्रतियोगिता के दौरान, 150 से अधिक छात्रों की उपस्थिति में एक विशेष प्रेरणादायक उद्बोधन सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र के मुख्य वक्ता थे श्री अभयभाई सोलंकी, जिन्होंने छात्रों को केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित न रहकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया। इस अनूठे मंच से दिया गया संदेश स्पष्ट था: हमें केवल स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि उन्हें स्वयं बनाने (निर्माण करने) की क्षमता विकसित करनी है। श्री अभयभाई सोलंकी ने छात्रों को समझाया कि आत्मनिर्भर भारत का सच्चा अर्थ तब साकार होगा जब हमारी युवा पीढ़ी केवल उपभोगता (Consumers) नहीं, बल्कि सृजनकर्ता और निर्माता (Creators and Manufacturers) बनेगी।गरबा मंच से आत्मनिर्भरता का संदेश: GTU में छात्रों को मिली स्वदेशी उत्पाद निर्माता बनने की प्रेरणा
परिचय
उपयोग से निर्माण तक: आत्मनिर्भरता का नया संकल्प
1. नवाचार के साथ स्वदेशी को जोड़ना
गरबा के माहौल में उत्साहित छात्रों से संवाद करते हुए, श्री सोलंकी ने नवाचार (Innovation) और स्वदेशी उत्पादों के बीच संबंध स्थापित किया।
सोच में बदलाव: उन्होंने प्रेरित किया कि छात्रों को अपनी तकनीकी शिक्षा का उपयोग ऐसी स्वदेशी तकनीकें और उत्पाद बनाने में करना चाहिए जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
अवसर पहचानें: देश की आवश्यकताओं को पहचानें और उन्हें व्यावसायिक अवसरों में बदलें। यह स्वदेशी उत्पाद केवल वस्तुएँ ही नहीं, बल्कि सेवाएँ और सॉफ्टवेयर समाधान भी हो सकते हैं।
श्री सोलंकी ने GTU के माहौल की सराहना की, जो युवाओं को जोखिम लेने और अपने विचारों को साकार करने के लिए प्रेरित करता है।
प्रेरणादायक उदाहरण: उन्होंने GTU के उन पूर्व छात्रों के सफल उदाहरण साझा किए जिन्होंने छोटे स्टार्टअप्स से शुरुआत करके आज बड़े ब्रांड्स स्थापित किए हैं।
तकनीकी लाभ: उन्होंने MCA और इंजीनियरिंग के छात्रों को याद दिलाया कि उनके पास तकनीकी कौशल का एक अनूठा लाभ है, जिसे वे बाज़ार में बड़े बदलाव लाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
उद्बोधन सत्र की समाप्ति के बाद, छात्रों को GTU वेंचर इनक्यूबेशन सेंटर का दौरा कराया गया। यह दौरा छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा, क्योंकि उन्हें यह देखने को मिला कि उनके सहपाठी या सीनियर्स किस प्रकार अपने स्टार्टअप विचारों पर काम कर रहे हैं।
व्यावहारिक चर्चा: श्री सोलंकी और GTU के अधिकारियों ने छात्रों के साथ भविष्य की गतिविधियों और मेंटरशिप के अवसरों पर चर्चा की।
जुड़ने का आह्वान: छात्रों को इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ने और अपने विचारों को प्रोफेशनल मार्गदर्शन के तहत विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया।
GTU में गरबा मंच से दिया गया यह संदेश यह साबित करता है कि उद्यमिता केवल क्लासरूम या कॉन्फ्रेंस हॉल तक सीमित नहीं है। श्री अभयभाई सोलंकी के शब्दों ने 150+ छात्रों के मन में यह संकल्प जगाया है कि वे भारत के लिए केवल ग्राहक नहीं, बल्कि निर्माता बनेंगे।
यदि आप एक युवा छात्र हैं, तो सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएँ, GTU वेंचर जैसे इनक्यूबेशन सेंटरों से जुड़ें, और आत्मविश्वास के साथ अपने स्वदेशी निर्माण के सपने को साकार करें। आज ही अपनी प्रतिभा को देश की प्रगति में लगाएँ!
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