22 अगस्त, 2025 को आरसी टेक्निकल कॉलेज में आयोजित प्रेरक कार्यक्रम ने युवाओं के मन में आत्मनिर्भरता और नवाचार की भावना को प्रबल किया। इस सत्र के मुख्य वक्ता, प्रख्यात विचारक श्री उदयभाई त्रिवेदी, ने छात्रों को स्पष्ट दिशा दी कि आज के युवा केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि नवाचार और उद्यमशीलता के माध्यम से अवसर सृजक और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले बनें। उन्होंने आत्मनिर्भरता को केवल व्यक्तिगत सफलता की कुंजी तक सीमित न रखते हुए बताया कि यह राष्ट्र के गौरव और आर्थिक मजबूती का भी सशक्त माध्यम है।
श्री त्रिवेदी ने नवाचार (Innovation) के महत्व पर जोर देते हुए समझाया कि नवाचार का अर्थ बड़ी खोज करना नहीं, बल्कि छोटी समस्याओं के प्रभावी समाधान खोजने, मौजूदा प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाने और बाज़ार की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उत्पाद और सेवाएँ विकसित करने में निहित है। उन्होंने युवाओं को यह भी सलाह दी कि वे अपनी ऊर्जा और उत्साह को सही दिशा में लगाएँ, अपने पैशन (Passion) को राष्ट्र की चुनौतियों के साथ जोड़ें और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्रिय प्रयास करें।
कार्यक्रम में उन्होंने व्यावहारिक कदमों पर भी चर्चा की। छात्रों को अपने क्षेत्र से संबंधित नई तकनीकों और डिजिटल उपकरणों का ज्ञान प्राप्त करने, सफल उद्यमियों और सहपाठियों के साथ नेटवर्किंग करने और उद्यमशीलता में जोखिम लेने से डरने के बजाय उन्हें सीखने के अवसर के रूप में देखने की प्रेरणा दी गई। श्री त्रिवेदी ने यह भी स्पष्ट किया कि असफलताएँ अनुभव का हिस्सा हैं और युवा उन्हें सकारात्मक रूप से अपनाएँ तो वे आत्मविश्वास और कौशल विकसित कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के युवा अब केवल डिग्री हासिल करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने नवाचार और उद्यमशीलता प्रयासों के माध्यम से देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का मुख्य इंजन बनने के लिए तैयार हैं। छात्रों को प्रोत्साहित किया गया कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें, नवाचार की शक्ति का उपयोग करें और अपने प्रयासों से देश को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में शामिल हों। आज ही अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू कर, युवा अपने सपनों को साकार करने के साथ-साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

