भारत सरकार ने देश के मत्स्य उद्योग को आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने Marine Fisheries Census 2025 की शुरुआत पूरी तरह डिजिटल फॉर्मेट में की है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य देश के समुद्री तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरा समुदाय की सटीक और वास्तविक समय की जानकारी एकत्र करना है।
यह सर्वेक्षण देश के 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित किया जाएगा, जिसमें लगभग 1.2 मिलियन मछुआरा परिवारों और 3.5 मिलियन से अधिक व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। इस अभियान में भारत सरकार ने VYAS मोबाइल ऐप, ड्रोन सर्वेक्षण, और Geo-tagging तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रत्येक मत्स्य गाँव, नौका, और व्यक्ति का सटीक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा सकेगा।
इस डिजिटल सर्वेक्षण से पारंपरिक कागजी प्रक्रिया की जगह तेज़, पारदर्शी और वास्तविक समय पर आधारित डेटा प्राप्त किया जा सकेगा। इससे न केवल नीतियों की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि मछुआरों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं — जैसे PM Matsya Sampada Yojana — के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायता मिलेगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहल भारत के मत्स्य उद्योग को नई दिशा देगी और इसे “Blue Economy Revolution” का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएगी। इस पहल से देश की समुद्री जैव विविधता की रक्षा, मत्स्य संसाधनों के सतत प्रबंधन और मछुआरों की आय में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
Marine Fisheries Census 2025 केवल एक सर्वेक्षण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर मत्स्य क्षेत्र की ओर बढ़ता हुआ कदम है — जो डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरणीय संतुलन की भावना को एक साथ जोड़ता है।
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